Shri Bajrang Baan Hindi Lyrics – श्री बजरंग बाण हिंदी में

बजरंग बाण एक शक्तिशाली हिंदू प्रार्थना है, जो हनुमान देवता के प्रति समर्पित होती है। ‘बजरंग’ शब्द का अर्थ है शक्तिशाली, क्योंकि हनुमान देवता एक तरफ़ जहाँ साहसी हैं, वहीं उनकी शरीर भी वज्र के समान मजबूत है। ‘बाण’ का मतलब है ‘बाण’ या ‘अस्त्र’, जो हमारे जीवन के दुःख-दर्द और बाधाओं को पार करने की शक्ति देता है। यह प्रार्थना विशेष रूप से संकट के समय या शत्रु से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए पढ़ी जाती है। हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने और जीवन में सफलता पाने के लिए बजरंग बाण एक महत्वपूर्ण प्रार्थना है।

Hanuman

Shri Bajrang Baan in Hindi – श्री बजरंग बाण हिंदी में

निश्चय प्रेम प्रतीति तॆ, बिनय करै सनमान ।
तेहि के कारज सकल सुभ, सिद्ध करै हनुमान ॥

चौपाई
जय हनुमंत संत हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥
जन के काज बिलंब न कीजै । आतुर दौरि महा सुख दीजै ॥

जैसे कूदि सिंधु महिपारा । सुरसा बदन पैठि बिस्तारा ॥
आगे जाय लंकिनी रोका । मारेहु लात गी सुरलोका ॥

जाय बिभीषन को सुख दीन्हा । सीता निरखि परमपद लीन्हा ॥
बाग उजारि सिंधु महं बोरा । अति आतुर जमकातर तोरा ॥

अक्षय कुमार मारि संहारा । लूम लपेटि लंक को जारा ॥
लाह समान लंक जरि गी । जय जय धुनि सुरपुर नभ भी ॥

अब बिलंब केहि कारन स्वामी । कृपा करहु उर अंतरयामी ॥
जय जय लखन प्रान के दाता । आतुर ह्वै दुख करहु निपाता ॥

जै हनुमान जयति बल-सागर । सुर-समूह-समरथ भट-नागर ॥
ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले । बैरिहि मारु बज्र की कीले ॥

ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा । ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा ॥
जय अंजनि कुमार बलवंता । शंकरसुवन बीर हनुमंता ॥

बदन कराल काल-कुल-घालक । राम सहाय सदा प्रतिपालक ॥
भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर । अगिन बेताल काल मारी मर ॥

इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की । राखु नाथ मरजाद नाम की ॥
सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै । राम दूत धरु मारु धाइ कै ॥

जय जय जय हनुमंत अगाधा । दुख पावत जन केहि अपराधा ॥
पूजा जप तप नेम अचारा । नहिं जानत कछु दास तुम्हारा ॥

बन उपबन मग गिरि गृह माहीम् । तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीम् ॥
जनकसुता हरि दास कहावौ । ताकी सपथ बिलंब न लावौ ॥

जै जै जै धुनि होत अकासा । सुमिरत होय दुसह दुख नासा ॥
चरन पकरि, कर जोरि मनावौम् । यहि औसर अब केहि गोहरावौम् ॥

उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई । पायं परौं, कर जोरि मनाई ॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता । ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता ॥

ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल । ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल ॥
अपने जन को तुरत उबारौ । सुमिरत होय आनंद हमारौ ॥

यह बजरंग-बाण जेहि मारै । ताहि कहौ फिरि कवन उबारै ॥
पाठ करै बजरंग-बाण की । हनुमत रक्षा करै प्रान की ॥

यह बजरंग बाण जो जापैम् । तासों भूत-प्रेत सब कापैम् ॥
धूप देय जो जपै हमेसा । ताके तन नहिं रहै कलेसा ॥

दोहा
उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान ।
बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान ॥

बजरंग बाण पढ़ने के लाभ

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1. आशीर्वाद प्राप्त करना
बजरंग बाण का पाठ करने से श्री हनुमानजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो जीवन में निरंतर सफलता, सुख, और शांति का अनुभव कराता है। यह हमें आत्मविश्वास और मानसिक शांति प्रदान करता है, जिससे हम जीवन की कठिनाइयों का सामना अच्छे से कर सकते हैं।

2. शत्रुओं से रक्षा
यह प्रार्थना शत्रुओं और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा प्रदान करने के लिए जानी जाती है। बजरंग बाण का नियमित पाठ हमें मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है, जिससे हम किसी भी संकट का साहसपूर्वक सामना कर सकते हैं।

3. मुसीबतों पर विजय प्राप्त करना
जब हम जीवन में किसी बड़ी मुसीबत या समस्या से जूझ रहे होते हैं, तो बजरंग बाण का पाठ हमें उन समस्याओं पर विजय प्राप्त करने की शक्ति देता है। यह हमें हर संकट से उबरने की मानसिक और आध्यात्मिक ताकत देता है।

4. शक्ति और साहस मिलना
बजरंग बाण का पाठ हमें अंदर से मजबूत बनाता है। यह हमें शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक रूप से शक्ति प्रदान करता है, जिससे हम न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में बल्कि समाज में भी साहस और नेतृत्व का उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं।

5. आत्म-संयम और अनुशासन
नियमित रूप से बजरंग बाण का पाठ करने से आत्म-संयम और अनुशासन की भावना उत्पन्न होती है। यह हमें अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और अपनी आदतों को सुधारने के लिए प्रेरित करता है।

6. मानसिक शांति और संतुलन
बजरंग बाण का पाठ मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। यह हमें अपने विचारों और भावनाओं को नियंत्रित करने की शक्ति देता है, जिससे हम मानसिक तनाव और चिंता से दूर रहते हैं।

7. आध्यात्मिक उन्नति
यह प्रार्थना हमें आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन करती है। बजरंग बाण के पाठ से हम अपनी आत्मा की शुद्धि और परमात्मा के निकटता की भावना को महसूस करते हैं, जिससे हमारे जीवन का उद्देश्य स्पष्ट होता है।

Frequently Asked Questions (FAQs)

बजरंग बाण क्या है और इसका क्या महत्व है?

बजरंग बाण एक हिंदू प्रार्थना है, जो मुख्य रूप से हनुमान देवता को समर्पित होती है। ‘बजरंग’ शब्द का अर्थ है शक्तिशाली, क्योंकि हनुमान देवता अत्यंत साहसी और शक्तिशाली हैं। ‘बाण’ का अर्थ है अस्त्र या बाण, जो जीवन के सभी संकटों को दूर करने में मदद करता है। यह प्रार्थना विशेष रूप से संकट, शत्रु या जीवन की बाधाओं को दूर करने और शक्ति एवं साहस प्राप्त करने के लिए की जाती है। यह एक शास्त्रीय प्रार्थना है, जो व्यक्ति के जीवन में शांति, सफलता और सुरक्षा लाती है।

बजरंग बाण कब और कैसे पढ़ना चाहिए?

बजरंग बाण सामान्यतः संकट के समय या किसी बड़ी बाधा का सामना करते समय पढ़ा जाता है, लेकिन इसे प्रतिदिन भी पढ़ा जा सकता है। कई भक्त इसे सुबह या शाम को एकाग्र मन से पढ़ते हैं। यह एक अत्यंत शक्तिशाली प्रार्थना है, इसलिए इसे ध्यानपूर्वक और पूर्ण विश्वास के साथ पढ़ना चाहिए। यदि कोई विशेष संकट हो, तो उसे जल्दी दूर करने के लिए इसे और अधिक समय तक पढ़ा जा सकता है।

बजरंग बाण पाठ के लाभ क्या हैं?

बजरंग बाण पाठ के माध्यम से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक शक्ति प्राप्त करता है। यह विशेष रूप से संकट से मुक्ति पाने के लिए प्रभावी है, क्योंकि यह शत्रु और प्रतिकूल परिस्थितियों से रक्षा करता है। इस प्रार्थना से न केवल मानसिक बल बढ़ता है, बल्कि आत्मविश्वास भी मजबूत होता है, जिससे जीवन की विभिन्न चुनौतियों का सामना करना आसान हो जाता है। हनुमान देवता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह प्रार्थना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो जीवन में सफलता, सुख और शांति लाती है।

बजरंग बाण कितनी बार पढ़ना चाहिए?

बजरंग बाण पाठ का कोई निश्चित संख्या नहीं है, लेकिन इसे कम से कम 1 बार या 11 बार पढ़ने से अच्छे परिणाम मिलते हैं। यदि कोई विशेष समस्या या संकट हो, तो इसे नियमित रूप से 108 बार या 1008 बार पढ़ना शुभ माना जाता है। हालांकि, इसका मुख्य उद्देश्य विश्वास और एकाग्रता है, इसलिए जितना समय आप दे सकते हैं, उतना पढ़ें। नियमित रूप से पाठ करने से इसके पूर्ण लाभ प्राप्त होते हैं।

बजरंग बाण पाठ के लिए विशेष कोई चीज़ की आवश्यकता है?

बजरंग बाण पाठ के लिए किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है, लेकिन यदि आप पूजा करते हैं, तो एक लाल या सफेद रंग का कपड़ा, एक दीपक, और गंगाजल का उपयोग किया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि प्रार्थना करते समय एकाग्रता और विश्वास बनाए रखना चाहिए। यह पूरी तरह से आपके मन से शुद्धता और श्रद्धा व्यक्त करने वाली प्रार्थना है, जो आपको देवता का आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करेगी।

बजरंग बाण पाठ करने से क्या परिवर्तन हो सकते हैं?

बजरंग बाण पाठ करने से जीवन के संकट, शत्रु और सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। यह सफलता, शांति और स्वास्थ्य लाता है। जो लोग इसे नियमित रूप से और विश्वास से पढ़ते हैं, वे अपने जीवन में बड़े सुधार और अच्छे बदलाव देख सकते हैं। इससे सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में शांति और समृद्धि आ सकती है। हनुमान जी के आशीर्वाद से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

बजरंग बाण पाठ के लिए क्या विशेष सामग्री की आवश्यकता है?

बजरंग बाण पाठ के लिए कोई विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन यदि आप पूजा करते हैं तो आप एक लाल या सफेद रंग का कपड़ा, दीपक, और गंगाजल का उपयोग कर सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रार्थना करते समय आपकी एकाग्रता और विश्वास होना चाहिए। यह पूरी तरह से आपके मन से शुद्धता और श्रद्धा व्यक्त करने वाली प्रार्थना है, जो भगवान के आशीर्वाद को प्राप्त करने में आपकी मदद करेगी।

बजरंग बाण क्या केवल संकट के समय पढ़ना चाहिए, या इसे रोज़ भी पढ़ना चाहिए?

बजरंग बाण केवल संकट के समय पढ़ने के लिए नहीं है, बल्कि इसे रोज़ भी पढ़ा जा सकता है। यह जीवन में शक्ति, साहस, और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए बहुत लाभकारी है। नियमित रूप से बजरंग बाण का पाठ करने से मानसिक शांति, एकाग्रता और आंतरिक बल मिलता है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं में सहायक हो सकता है। विशेष रूप से जो लोग जीवन में किसी विशेष समस्या या चुनौती का सामना कर रहे हैं, वे इसे नियमित रूप से पढ़कर अपनी आंतरिक शक्ति और शांति प्राप्त कर सकते हैं।

क्या हनुमान जी को ब्रह्मास्त्र से बांधा गया था?

हाँ, हनुमान जी को ब्रह्मास्त्र से बांधने का एक अनोखा प्रसंग है। यह घटना उस समय की है जब हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुंचे थे। लंका में प्रवेश करते ही उन्होंने अशोक वाटिका में बहुत तबाही मचाई और रावण के सैनिकों को हराया। जब रावण को यह खबर मिली, तो उसने मेघनाद को हनुमान को पकड़ने का आदेश दिया।

मेघनाद ने कई शक्तिशाली अस्त्रों से हनुमान जी पर हमला किया, लेकिन वे सभी व्यर्थ साबित हुए। अंत में, मेघनाद ने ब्रह्मास्त्र का उपयोग किया। हालांकि हनुमान जी ब्रह्मास्त्र की शक्ति को सहन कर सकते थे, लेकिन उन्होंने स्वयं को जानबूझकर ब्रह्मास्त्र से बंधने दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि वे देवताओं और उनके अस्त्रों का सम्मान करना चाहते थे।

यह घटना यह दिखाती है कि हनुमान जी सिर्फ शक्ति और साहस के प्रतीक नहीं थे, बल्कि वे विनम्रता और धर्म का पालन करने वाले भी थे। जब उन्हें रावण के दरबार में लाया गया, तो उन्होंने अपनी बुद्धि और चातुर्य से रावण के

क्या हनुमान जी का कोई पुत्र था?

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हाँ, हनुमान जी का एक पुत्र था जिसका नाम मकरध्वज था। मकरध्वज का जन्म एक चमत्कारिक घटना से हुआ था। जब हनुमान जी लंका जलाने के बाद अपनी जलती हुई पूंछ को समुद्र में बुझा रहे थे, तब उनके शरीर से पसीने की एक बूंद समुद्र में गिर गई। उस पसीने की बूंद को एक मछली (मकर) ने निगल लिया। बाद में, उसी मछली के गर्भ से मकरध्वज का जन्म हुआ।

मकरध्वज को पाताल लोक में अहिरावण, जो एक मायावी राक्षस और लंका का सहयोगी था, ने पाला। अहिरावण ने मकरध्वज को पाताल लोक का द्वारपाल नियुक्त किया। जब हनुमान जी श्रीराम और लक्ष्मण को अहिरावण से बचाने पाताल लोक पहुंचे, तब उनका सामना मकरध्वज से हुआ। मकरध्वज ने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए हनुमान जी से लड़ाई की, क्योंकि उसे अपने राजा का आदेश मानना था। लड़ाई के बाद मकरध्वज ने अपनी पहचान बताई और कहा कि वह हनुमान जी का पुत्र है।

हनुमान जी ने उसकी वीरता और निष्ठा से प्रभावित होकर उसे पाताल लोक का राजा बना दिया, ताकि वह धर्म के अनुसार शासन कर सके। मकरध्वज की कहानी रामायण के मुख्य संस्करणों में नहीं मिलती, लेकिन यह पौराणिक कथाओं और स्थानीय लोककथाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।

Conclusion

बजरंग बाण एक अत्यंत शक्तिशाली प्रार्थना है जो हमारे जीवन में साहस, शक्ति और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करती है। यह विशेष रूप से संकट के समय प्रभावी है, क्योंकि यह शत्रु, शारीरिक और मानसिक बाधाओं से मुक्ति पाने की शक्ति प्रदान करती है। जो लोग इस प्रार्थना को पूर्ण विश्वास और श्रद्धा के साथ पढ़ते हैं, वे हनुमान देवता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और जीवन की सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होते हैं। बजरंग बाण के पाठ से जहाँ एक ओर हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है, वहीं जीवन के प्रत्येक संघर्ष में सफलता प्राप्त करने की संभावना भी बढ़ती है। इसके परिणामस्वरूप, हमारे मन में एक शक्तिशाली शांति और सुरक्षा का अनुभव होता है, जो हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।

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