श्री हनुमान बीसा एक अत्यंत शक्तिशाली और प्रसिद्ध प्रार्थना है जो भगवान हनुमान को समर्पित है। यह प्रार्थना विशेष रूप से शक्ति, साहस, आत्मविश्वास और सुरक्षा की प्राप्ति के लिए की जाती है। श्री हनुमान बीसा का उल्लेख प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में भी मिलता है, और इसे मुख्य रूप से भक्तों द्वारा उन कठिन समयों में किया जाता है, जब वे भगवान हनुमान से आशीर्वाद की प्राप्ति चाहते हैं। इसे तुलसीदास जी ने रचित माना जाता है, जो रामचरितमानस के रचनाकार थे। इस मंत्र के द्वारा भगवान बजरंग बली की अनंत शक्ति और भक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करने का विश्वास किया जाता है। इसे नियमित रूप से जाप करने से मानसिक शांति, शारीरिक शक्ति और हर प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
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Hanuman Bisa in Hindi – श्री हनुमान बीसा हिंदी
॥ दोहा ॥
राम भक्त विनती करूँ,
सुन लो मेरी बात।
दया करो कुछ मेहर उपाओ,
सिर पर रखो हाथ॥
॥ चौपाई ॥
जय हनुमन्त, जय तेरा बीसा,
कालनेमि को जैसे खींचा ॥१॥
करुणा पर दो कान हमारे,
शत्रु हमारे तत्क्षण मारो ॥२॥
राम भक्त जय जय हनुमन्ता,
लंका को थेकिये विध्वंसा ॥३॥
सीता खोज खबर तुम लाए,
अजर अमर के आशीष पाए ॥४॥
लक्ष्मण प्राण विधाता हो तुम,
राम के अतिशय पासा हो तुम ॥५॥
जिस पर होते तुम अनकूला,
वह रहता पतझड़ में फूला ॥६॥
राम भक्त तुम मेरी आशा,
तुम्हें ध्याऊँ मैं दिन राता ॥७॥
आकर मेरे काज संवारो,
शत्रु हमारे तत्क्षण मारो ॥८॥
तुम्हारी दया से हम चलते हैं,
लोग न जाने क्यों जलते हैं ॥९॥
भक्त जनों के संकट टारे,
राम द्वार के हो रखवारे ॥१०॥
मेरे संकट दूर हटा दो,
द्विविधा मेरी तुरन्त मिटा दो ॥११॥
रुद्रावतार हो मेरे स्वामी,
तुम्हारे जैसा है कोई नाहीं ॥१२॥
ॐ हनु हनु हनुमन्त का बीसा,
बड़े हु मारु जगत के क्लेशा ॥१३॥
तुम्हारा नाम जहाँ पढ़ जावे,
बड़ी व्याधि न नेरे आवे ॥१४॥
तुम्हारा नाम जगत सखदाता,
खुल जाता है राम दरवाजा ॥१५॥
संकट मोचन प्रभु हमारे,
भूत प्रेत पिशाच को मारो ॥१६॥
अंजनी पुत्र नाम हनुमन्ता,
सर्व जगत बजता है डंका ॥१७॥
सर्व व्याधि नष्ट जो जावे,
हनुमद् बीसा जो कह पावे ॥१८॥
संकट एक न रहता उसको,
हं हं हनुमत कहता नर जो ॥१९॥
ह्रीं हनुमते नमः जो कहता,
उससे तो दुख दूर ही रहता ॥२०॥
॥ दोहा ॥
मेरे राम भक्त हनुमन्ता,
कर दो बेड़ा पार।
हूँ दीन मलीन कलीन बड़ा,
कर लो मुझसे स्वीकार॥
राम लषन सीता सहित,
करो मेरा कल्याण।
ताप हरो तुम मेरे स्वामी,
बना रहे सम्मान॥
प्रभु राम जी माता जानकी जी,
सदा हों सहाई।
संकट पड़ा यशपाल पे,
तभी आवाज लगाई॥
॥ इति श्रीमद् हनुमान बीसा श्री यशपाल जी कृत समाप्तम्॥
Frequently Asked Questions (FAQs)
श्री हनुमान बीसा क्या है?
श्री हनुमान बीसा भगवान हनुमान को समर्पित एक प्रार्थना है, जिसे विशेष रूप से शक्ति, साहस और सुरक्षा की प्राप्ति के लिए किया जाता है। यह मंत्र कठिन परिस्थितियों में मनोबल बढ़ाने और आत्मविश्वास पाने में सहायक माना जाता है।
श्री हनुमान बीसा का जाप कब करना चाहिए?
आमतौर पर इसका जाप मंगलवार या शनिवार को शुभ माना जाता है, क्योंकि ये दिन भगवान बजरंग बली को समर्पित माने जाते हैं। भक्त इसे हर दिन भी कर सकते हैं, विशेषकर सुबह के समय, ताकि दिनभर सकारात्मक ऊर्जा और आत्मबल बना रहे।
श्री हनुमान बीसा का नियमित जाप करने से क्या लाभ होते हैं?
श्री हनुमान बीसा का नियमित जाप करने से मानसिक शांति, शारीरिक शक्ति, और साहस में वृद्धि होती है। यह कठिनाइयों और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है, और जीवन में स्थिरता और सुरक्षा का एहसास दिलाता है।
श्री हनुमान बीसा का रचनाकार कौन है?
माना जाता है कि श्री हनुमान बीसा का रचनाकार संत तुलसीदास हैं, जो रामचरितमानस के रचयिता भी थे। उन्होंने भगवान हनुमान के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा से कई प्रार्थनाओं की रचना की है।
श्री हनुमान बीसा का पाठ कैसे करना चाहिए?
श्री हनुमान बीसा का पाठ करते समय मन में भगवान बजरंग बली की छवि बनाएं और ध्यानपूर्वक मंत्र का उच्चारण करें। इसे पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए। इसके साथ ही, पाठ के दौरान एक शांत वातावरण बनाए रखना उचित माना जाता है।
क्या श्री हनुमान बीसा को विशेष अवसरों पर ही पढ़ा जाना चाहिए?
नहीं, श्री हनुमान बीसा को किसी भी समय पढ़ा जा सकता है। हालांकि, विशेष अवसरों पर, जैसे कि हनुमान जयंती, मंगलवार और शनिवार के दिन, या किसी संकट के समय में इसका महत्व अधिक होता है।
क्या श्री हनुमान बीसा का पाठ घर में भी किया जा सकता है?
जी हां, श्री हनुमान बीसा का पाठ घर में भी किया जा सकता है। इसके लिए विशेष रूप से किसी मंदिर में जाने की आवश्यकता नहीं होती। भक्त अपने घर के शांत और साफ-सुथरे स्थान पर भगवान बजरंग बली की पूजा कर सकते हैं और श्री हनुमान बीसा का पाठ कर सकते हैं। ऐसा करने से घर में शांति, समृद्धि और सुरक्षा बनी रहती है।
क्या श्री हनुमान बीसा के साथ अन्य प्रार्थनाएं भी की जा सकती हैं?
हां, श्री हनुमान बीसा के साथ सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, या राम स्तुति का पाठ भी किया जा सकता है। यह भक्त की श्रद्धा और समय पर निर्भर करता है।
क्या श्री हनुमान बीसा का पाठ करने से आर्थिक संकट दूर हो सकता है?
कई भक्त मानते हैं कि श्री हनुमान बीसा का नियमित और श्रद्धापूर्ण पाठ भगवान बजरंग बली की कृपा प्राप्त करने का माध्यम है, जो आर्थिक संकटों को दूर करने में सहायक हो सकता है। यह पाठ मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और समस्याओं का समाधान खोजने की शक्ति प्रदान करता है। विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को इसका पाठ करना अधिक प्रभावी माना जाता है, जिससे जीवन में स्थिरता और समृद्धि आती है।
क्या श्री हनुमान बीसा को रात में पढ़ सकते हैं?
हां, श्री हनुमान बीसा का पाठ रात में भी किया जा सकता है। भगवान बजरंग बली की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए समय की कोई बाधा नहीं होती। यह पूरी तरह से भक्त की सुविधा और श्रद्धा पर निर्भर करता है। हालांकि, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सुबह का समय विशेष रूप से शुभ और शांत माना जाता है, इसलिए सुबह के समय पाठ करने को अधिक प्रभावी माना जाता है।
रात में पाठ करते समय ध्यान केंद्रित रखना और एक शांत वातावरण सुनिश्चित करना जरूरी है। इसके साथ ही, पाठ करते समय मन को भगवान बजरंग बली की भक्ति और विश्वास से भरना चाहिए। चाहे सुबह हो या रात, श्री हनुमान बीसा का पाठ भक्तों को मानसिक शांति, साहस और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। इस प्रकार, समय से अधिक महत्वपूर्ण भक्त का विश्वास और भक्ति होती है।
बजरंग बली का पंचमुखी रूप क्यों है?
बजरंग बली का पंचमुखी रूप उनके पांच चेहरों के साथ आता है, जो प्रत्येक दिशा में विशेष शक्तियों को दर्शाता है:
नृसिंह: सुरक्षा और शक्ति का प्रतीक।
गरुड़: शक्ति और संजीवनी का प्रतीक।
वराह: पृथ्वी की रक्षा के लिए।
हयग्रीव: ज्ञान और शिक्षा का प्रतीक।
हनुमान: भक्ति और सेवा के लिए, जो उन्हें मुख्य रूप से दर्शाता है।
क्या हनुमान जी का कोई पुत्र था?
हाँ, हनुमान जी का एक पुत्र था जिसका नाम मकरध्वज था। मकरध्वज का जन्म एक चमत्कारिक घटना से हुआ था। जब हनुमान जी लंका जलाने के बाद अपनी जलती हुई पूंछ को समुद्र में बुझा रहे थे, तब उनके शरीर से पसीने की एक बूंद समुद्र में गिर गई। उस पसीने की बूंद को एक मछली (मकर) ने निगल लिया। बाद में, उसी मछली के गर्भ से मकरध्वज का जन्म हुआ।
मकरध्वज को पाताल लोक में अहिरावण, जो एक मायावी राक्षस और लंका का सहयोगी था, ने पाला। अहिरावण ने मकरध्वज को पाताल लोक का द्वारपाल नियुक्त किया। जब हनुमान जी श्रीराम और लक्ष्मण को अहिरावण से बचाने पाताल लोक पहुंचे, तब उनका सामना मकरध्वज से हुआ। मकरध्वज ने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए हनुमान जी से लड़ाई की, क्योंकि उसे अपने राजा का आदेश मानना था। लड़ाई के बाद मकरध्वज ने अपनी पहचान बताई और कहा कि वह हनुमान जी का पुत्र है।
हनुमान जी ने उसकी वीरता और निष्ठा से प्रभावित होकर उसे पाताल लोक का राजा बना दिया, ताकि वह धर्म के अनुसार शासन कर सके। मकरध्वज की कहानी रामायण के मुख्य संस्करणों में नहीं मिलती, लेकिन यह पौराणिक कथाओं और स्थानीय लोककथाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
क्या हनुमान जी को ब्रह्मास्त्र से बांधा गया था?
हाँ, हनुमान जी को ब्रह्मास्त्र से बांधने का एक अनोखा प्रसंग है। यह घटना उस समय की है जब हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुंचे थे। लंका में प्रवेश करते ही उन्होंने अशोक वाटिका में बहुत तबाही मचाई और रावण के सैनिकों को हराया। जब रावण को यह खबर मिली, तो उसने मेघनाद को हनुमान को पकड़ने का आदेश दिया।
मेघनाद ने कई शक्तिशाली अस्त्रों से हनुमान जी पर हमला किया, लेकिन वे सभी व्यर्थ साबित हुए। अंत में, मेघनाद ने ब्रह्मास्त्र का उपयोग किया। हालांकि हनुमान जी ब्रह्मास्त्र की शक्ति को सहन कर सकते थे, लेकिन उन्होंने स्वयं को जानबूझकर ब्रह्मास्त्र से बंधने दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि वे देवताओं और उनके अस्त्रों का सम्मान करना चाहते थे।
यह घटना यह दिखाती है कि हनुमान जी सिर्फ शक्ति और साहस के प्रतीक नहीं थे, बल्कि वे विनम्रता और धर्म का पालन करने वाले भी थे। जब उन्हें रावण के दरबार में लाया गया, तो उन्होंने अपनी बुद्धि और चातुर्य से रावण के अहंकार को चुनौती दी।
Conclusion
हनुमान बीसा मंत्र भगवान बजरंग बली की शक्ति, सुरक्षा और अनुग्रह को आमंत्रित करने का एक अत्यंत प्रभावशाली साधन है। इस मंत्र का नियमित और विश्वासपूर्वक जाप न केवल व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास, शांति और साहस का संचार करता है, बल्कि आंतरिक शक्ति और मानसिक स्थिरता को भी बढ़ावा देता है। जीवन की विविध चुनौतियों का सामना करते समय यह मंत्र भक्त को दृढ़ता और अडिगता प्रदान करता है, जिससे वे कठिनाइयों का साहसपूर्वक सामना कर पाते हैं और आत्मनिर्भर बनते हैं। भगवान बजरंग बली की कृपा से यह मंत्र व्यक्ति को भय, नकारात्मकता और मानसिक बाधाओं से मुक्त करता है, साथ ही यह भी विश्वास दिलाता है कि उनकी सुरक्षा और आशीर्वाद हमारे जीवन में निरंतर विद्यमान हैं। इस मंत्र के प्रभाव से व्यक्ति को यह अनुभूति होती है कि बजरंग बली जी का दिव्य संरक्षण सदैव उसके साथ है, जिससे वह अपने लक्ष्यों की ओर निर्भीक होकर आगे बढ़ सकता है। हनुमान बीसा मंत्र के प्रभाव से हम अपने जीवन में स्थायी शांति, सकारात्मकता और निडरता का अनुभव करते हैं, जो हमें आत्मिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाता है।