संकट मोचन हनुमानाष्टक भगवान हनुमान को समर्पित एक अत्यंत प्रिय स्तोत्र है, जिसे प्रसिद्ध कवि तुलसीदास जी ने लिखा है। यह सुंदर स्तोत्र भक्तों द्वारा हनुमान जी से सहायता प्राप्त करने के उद्देश्य से पढ़ा जाता है, ताकि वे अपने जीवन के सभी प्रकार के संकटों, भय, और बाधाओं को दूर कर सकें। “संकट मोचन” यानी “संकटों का नाश करने वाले” के रूप में विख्यात हनुमान अपनी अद्भुत शक्ति, ज्ञान, और भगवान राम के प्रति गहरी भक्ति के लिए पूजनीय माने जाते हैं।

हनुमानाष्टक के प्रत्येक श्लोक में हनुमान जी की वीरता, करुणा, और अपने भक्तों की रक्षा करने की शक्ति का वर्णन है। इन श्लोकों का पाठ करने से भक्तों को विश्वास होता है कि वे हनुमान जी की कृपा से शक्ति, साहस, और संकटों से सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं। यह स्तोत्र विशेष रूप से उन लोगों में लोकप्रिय है जो अपने दैनिक जीवन के छोटे-बड़े संघर्षों से मुक्ति पाना चाहते हैं और हनुमान जी के आशीर्वाद से शांति और कल्याण की कामना करते हैं।
बहुतों के लिए, संकट मोचन हनुमानाष्टक मात्र एक प्रार्थना नहीं है—यह हनुमान जी के निकट महसूस करने और कठिन समय में सांत्वना पाने का एक माध्यम है। यहाँ संकट मोचन हनुमानाष्टक के श्लोक अंग्रेजी में भी दिए गए हैं, जिससे सभी इसे पढ़ सकें, समझ सकें और भगवान हनुमान के आशीर्वाद से जुड़ सकें।

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॥ संकट मोचन हनुमानाष्टक ॥
बाल समय रवि भक्षि लियोतब तीनहुँ लोक भयो अँधियारो।
ताहि सों त्रास भयो जग कोयह संकट काहु सों जात न टारो।
देवन आनि करी बिनतीतब छाँड़ि दियो रबि कष्ट निवारो।
को नहिं जानत है जग मेंकपि संकटमोचन नाम तिहारो॥1॥
बालि की त्रास कपीस बसैगिरि जात महाप्रभु पंथ निहारो।
चौंकि महा मुनि साप दियोतब चाहिय कौन बिचार बिचारो।
कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभुसो तुम दास के सोक निवारो।
को नहिं जानत है जग मेंकपि संकटमोचन नाम तिहारो॥2॥
अंगद के सँग लेन गये सियखोज कपीस यह बैन उचारो।
जीवत ना बचिहौ हम सो जुबिना सुधि लाए इहाँ पगु धारो।
हेरि थके तट सिंधु सबैतब लाय सिया-सुधि प्रान उबारो।
को नहिं जानत है जग मेंकपि संकटमोचन नाम तिहारो॥3॥
रावन त्रास दई सिय कोसब राक्षसि सों कहि सोक निवारो।
ताहि समय हनुमान महाप्रभुजाय महा रजनीचर मारो।
चाहत सीय असोक सों आगि सुदै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो।
को नहिं जानत है जग मेंकपि संकटमोचन नाम तिहारो॥4॥
बान लग्यो उर लछिमन केतब प्रान तजे सुत रावन मारो।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत तबैगिरि द्रोन सु बीर उपारो।
आनि सजीवन हाथ दईतब लछिमन के तुम प्रान उबारो।
को नहिं जानत है जग मेंकपि संकटमोचन नाम तिहारो॥5॥
रावन जुद्ध अजान कियो तबनाग कि फाँस सबै सिर डारो।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दलमोह भयो यह संकट भारो।
आनि खगेस तबै हनुमान जुबंधन काटि सुत्रास निवारो।
को नहिं जानत है जग मेंकपि संकटमोचन नाम तिहारो॥6॥
बंधु समेत जबै अहिरावनलै रघुनाथ पताल सिधारो।
देबिहिं पूजि भली बिधि सोंबलि देउ सबै मिलि मंत्र बिचारो।
जाय सहाय भयो तब हीअहिरावन सैन्य समेत सँहारो।
को नहिं जानत है जग मेंकपि संकटमोचन नाम तिहारो॥7॥
काज कियो बड़ देवन के तुमबीर महाप्रभु देखि बिचारो।
कौन सो संकट मोर गरीब कोजो तुमसों नहिं जात है टारो।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभुजो कुछ संकट होय हमारो।
को नहिं जानत है जग मेंकपि संकटमोचन नाम तिहारो॥8॥
॥ दोहा ॥
लाल देह लाली लसे,अरू धरि लाल लँगूर।
बज्र देह दानव दलन,जय जय कपि सूर॥
Frequently Asked Questions (FAQs)
संकट मोचन हनुमानाष्टक क्या है?
संकट मोचन हनुमानाष्टक भगवान हनुमान को समर्पित एक प्रार्थना है, जिसे कवि तुलसीदास जी ने लिखा है। यह प्रार्थना हनुमान जी से सुरक्षा, शक्ति और बाधाओं को दूर करने की विनती करती है, और उनकी दिव्य शक्ति का आह्वान करती है।
संकट मोचन हनुमानाष्टक का महत्व क्यों है?
यह प्रार्थना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे शांति, साहस, और कठिनाइयों से सुरक्षा प्राप्त करने का प्रतीक माना जाता है। भक्त इसे हनुमान जी से सहायता प्राप्त करने के लिए गाते हैं ताकि वे जीवन की चुनौतियों, भय, और कठिनाइयों को पार कर सकें।
संकट मोचन हनुमानाष्टक का पाठ कैसे करें?
संकट मोचन हनुमानाष्टक का पाठ संपूर्ण या भागों में किया जा सकता है। इसे सामान्यतः पूरी श्रद्धा और एकाग्रता के साथ पढ़ा जाता है। कई लोग इसे दैनिक रूप से या विशेष अवसरों पर हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गाते हैं।
संकट मोचन हनुमानाष्टक के पाठ के लाभ क्या हैं?
इस प्रार्थना का पाठ करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:
1. जीवन में आने वाली बाधाओं का नाश।
2. चुनौतियों का सामना करने के लिए शक्ति और साहस प्राप्त करना।
3. मन की शांति और कठिनाइयों से सुरक्षा प्राप्त करना।
4. अच्छे स्वास्थ्य, सुख और सफलता के लिए दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करना।
क्या कोई भी व्यक्ति संकट मोचन हनुमानाष्टक का पाठ कर सकता है?
हाँ, संकट मोचन हनुमानाष्टक का पाठ कोई भी व्यक्ति कर सकता है, चाहे उसकी उम्र, पृष्ठभूमि, या धर्म कुछ भी हो। यह एक सार्वभौमिक प्रार्थना है जो उन सभी को आकर्षित करती है जो हनुमान जी की दिव्य सुरक्षा और शक्ति की कामना करते हैं।
संकट मोचन हनुमानाष्टक का पाठ करने का सर्वोत्तम समय क्या है?
संकट मोचन हनुमानाष्टक का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन सुबह और संध्या के समय इसे विशेष रूप से प्रभावी माना गया है। सुबह का समय नई ऊर्जा और शांति से भरा होता है, और जब हम दिन की शुरुआत संकट मोचन हनुमानाष्टक के पवित्र मंत्रों से करते हैं, तो यह हमारे मन और आत्मा को साहस, विश्वास, और सकारात्मकता से भर देता है। इसी तरह, संध्या के समय इसका पाठ दिनभर की थकान और चिंताओं को दूर करता है, मन को शांत कर हमें नई ऊर्जा से भर देता है, जिससे नकारात्मकता का अंत होता है और सकारात्मकता का उदय होता है।
कहा जाता है कि इन विशेष समयों में संकट मोचन हनुमानाष्टक का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। जब हम सुबह-सुबह और संध्या के शांत पलों में इसका पाठ करते हैं, तो यह न केवल हमें आत्मिक शांति और साहस प्रदान करता है, बल्कि हमारे जीवन में हर प्रकार के संकट को दूर करने में सहायक होता है। हनुमान जी की भक्ति में डूबकर किया गया यह पाठ हमारे जीवन में नयी आशा, शक्ति, और आत्मविश्वास का संचार करता है, जिससे हम हर मुश्किल का सामना करने के लिए दृढ़ रहते हैं।
संकट मोचन हनुमानाष्टक दैनिक जीवन में कैसे सहायक है?
इस प्रार्थना का पाठ करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और तनाव कम होता है। यह हमें यह याद दिलाता है कि चाहे जीवन कितना भी कठिन हो, हनुमान जी सदा हमारे साथ हैं और हमें मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। इसे नियमित रूप से पढ़ने के बाद कई लोग मन की शांति और शक्ति का अनुभव करते हैं।
Conclusion
संकट मोचन हनुमानाष्टक केवल एक प्रार्थना नहीं है; यह हनुमान जी की सुरक्षा और शक्ति का अनुभव करने का एक तरीका है। इन श्लोकों का पाठ करने से कई लोगों को मन की शांति, साहस, और सुरक्षा की अनुभूति होती है। यह स्तोत्र हमें यह याद दिलाता है कि जब हनुमान जी का आशीर्वाद हमारे साथ होता है, तब कोई भी समस्या अत्यधिक कठिन नहीं होती।
जब भी जीवन कठिनाईयों से भरा लगता है, यह प्रार्थना हमें सहारा देती है। यह एक सरल, लेकिन अत्यंत शक्तिशाली माध्यम है जो हमें याद दिलाता है कि हनुमान जी हमारे बोझ को हल्का करने और हमें निर्भय होकर आगे बढ़ने में सहायता करने के लिए हमेशा हमारे साथ हैं। संकट मोचन हनुमानाष्टक का पाठ करने से हम हनुमान जी पर अपना विश्वास रख सकते हैं और उनकी उपस्थिति को महसूस कर सकते हैं, जो हमें प्रतिदिन शांति और आत्मविश्वास की ओर मार्गदर्शन करती है।